कोरोना के इस समय में लोग मंदिर नहीं जा सकते, इसलिए श्रीकृष्ण और राधा खुद मंदिर से बाहर निकल आए हैं। उन्होंने लोगों को मक्खन बांटने की बजाय मास्क बांटे हैं। यह कॉन्सेप्ट सौरभ आर्ट्स की ओर से लाया गया। इसमें भगवान कृष्ण का रूप लिया संजय कश्यप ने और राधा बनी कशिश कश्यप। इन्होंने चंडीगढ़ के सेक्टर-23-24 की ट्रैफिक लाइट प्वाइंट पर लोगों को मास्क बांटे, ताकि लोग कोरोना में सुरक्षित रहे।
इस युग में पहली बार लॉकडाउन में जन्मे गोपाल
जन्माष्टमी का त्योहार मंगलवार को जमशेदपुर में श्रद्धा के साथ मनाया गया। पर द्वापर युग में काल कोठरी में जन्म लेने वाले नटखट नंदलाल ने इस युग में पहली बार लॉकडाउन में जन्मे। इस अवसर पर शहर के मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया। मंदिरों में रंग-बिरंगी लाइटों से आकर्षक रोशनी की गई। फूलों और पत्तियों से भव्य सजावट की गई। हालांकि इस साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिरों में पिछले वर्षों की तरह झांकियां नहीं सजाई गईं। मंदिरों में भक्तों का प्रवेश वर्जित होने के कारण पुजारियों ने सादगी से जन्मोत्सव मनाया।
जगमगा रहा है बिरला मंदिर
जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में फोकस लाइटों से बिरला मंदिर सोमवार शाम से ही जगमगा रहा है। इससे पहले हर साल इसे बल्बों की रोशनी से सजाया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते मंदिर परिसर के पीछे लगने वाली श्रीकृष्ण भगवान की झांकियां भी नहीं लगाई गई हैं। मंदिर के अंदर ही लड्डू गोपाल व श्रीकृष्ण भगवान की झांकी होगी, जिसका श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
लगातार बढ़ रहा है कोरोना का संक्रमण
फोटो बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया की है। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ने व लॉकडाउन के बाद भी लोगों में संवेदना नहीं जग रही है। बेतिया के सोआबाबू चौक पर जहां प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है वहां एक पिकअप वैन पर दर्जनों लोग एक पर एक चढ़े जाते दिख रहे हैं। लोगों के साथ भारी मात्रा में पिकअप पर सामान भी लादा गया है। बाजार में भी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिले में लॉकडाउन का छठा चरण चल रहा है। बावजूद लोग बेपरवाह घूमते दिख रहे हैं।
कई घंटों तक बंद रहा रास्ता
मध्यप्रदेश के बीना में मंगलवार दोपहर लगातार 2 घंटे तेज बारिश होती रही। झांसी गेट स्थित अंडर ब्रिज में करीब 3 फीट पानी आ गया, जिससे कई घंटों तक रास्ता बंद रहा। इस दौरान एक अर्थी लेकर आए लोगों को इसी पानी से होकर निकलना पड़ा, तब जाकर वे मुक्तिधाम पहुंच पाए।
10 करोड़ खर्च, समस्या जस की तस
मॉडल टाउन की यह सड़क लगभग एक साल पहले बनकर तैयार हुई है। इस पर 10 करोड़ खर्च हुए। सड़क के साथ नाले भी बनाए गए हैं, लेकिन ठेकेदार ने पेड़ काटने व खंभों को हटाने की परमिशन आने से पहले ही नाला टेड़ा-मेड़ा बना दिया था। यह भी वजह रही है कि यहां जलभराव हुआ।
जेएंडके के किश्तवाड़ में बादल फटा
शिमला के मैदानी क्षेत्रों में मॉनसून की सक्रियता बनी हुई है। अंब में सबसे ज्यादा 149 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, ऊना में 123, बैजनाथ में 62, धर्मशाला में 56, पॉवटा में 54, पालमपुर में 49, देहरा में 44, हमीरपुर में 24 और सुंदरनगर में 24 मिमी बारिश हुई है। शिमला व आसपास के क्षेत्रों में मौसम साफ बना रहा। यहां पर उमस भरी गर्मी का प्रकोप जारी है। मैदानी क्षेत्रों में भारी बारिश से 80 सड़कें बंद हैं। मंडी जोन में सबसे ज्यादा 52 सड़कें ठप हैं। शिमला जोन में 10, कांगड़ा जोन में 17 व हमीरपुर जोन में एक सड़क पर यातायात बाधित है।
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