संत कबीर का जन्म करीब 622 साल पहले हुआ था। कबीर ने अपने दोहों में जीवन को सुखी और सफल बनाने के सूत्र बताए हैं। आज भी इन दोहों की सीख को अपनाने से हमारी सभी समस्याएं खत्म हो सकती हैं।
कबीरदासजी के जीवन से जुड़े हैं तीन खास स्थान
मान्यता है कि करीब 622 साल पहले काशी के पास स्थित लहरतारा क्षेत्र में तालाब के पास निरू और नीमा नाम के एक मुस्लिम दंपत्ति को एक शिशु मिला था। उस समय निरू और नीमा का विवाह हुआ ही था। वे दोनों शिशु को लेकर अपने घर आ गए। उनका घर आज के कबीर चौरा मठ क्षेत्र में ही था। यही शिशु आगे चलकर कबीरदास के नाम से प्रसिद्ध हुआ। कबीर ने इसी जगह को अपनी कर्म स्थली बनाया। वे कबीर चौरा क्षेत्र में प्रवचन देते थे, चरखा चलाते थे। कबीरदास से संबंधित तीन प्रमुख स्थान हैं। लहरतारा में उनका जन्म हुआ, काशी जहां उनका जीवन व्यतीत हुआ और मगहर यहां उन्होंने जीवन के अंतिम दिन बिताए।
जानिए कबीर के कुछ खास दोहे...
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